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Top 10 Khatu Shyam Ji Bhajan Lyrics | खाटू श्याम जी भजन लिरिक्स

कीर्तन की है रात बाबा आज थाने आणो है  Kirtan Ki Hai Raat Baba Aaj Thane Aano Hai Bhajan Lyrics कीर्तन की है रात,  बाबा आज थाने आणो है, थाने कोल निभानो है,  कीर्तन की है रात।। दरबार साँवरिया,  ऐसो सज्यो प्यारो,  दयालु आपको, सेवा में साँवरिया,  सगला खड़ा डीके,  हुकुम बस आपको, सेवा में थारी-2 ,  म्हाने आज बिछ जाणो है, थाने कोल निभानो है,  कीर्तन की है रात।। कीर्तन की है तैयारी,  कीर्तन करा जमकर,  प्रभु क्यूँ देर करो, वादों थारो दाता,  कीर्तन में आणे को,  घणी क्यूँ देर करो, भजना सू थाणे-2 ,  ओ बाबा आज रिझाणो है, थाने कोल निभानो है,  कीर्तन की है रात।। जो कुछ बण्यो म्हासु,  अर्पण प्रभु सारो,  प्रभु स्वीकार करो, नादान सू गलती,  होती ही आई है,  प्रभु मत ध्यान धरो, “नंदू” साँवरिया,-2  थारो दास पुराणो है, थाने कोल निभानो है,  कीर्तन की है रात।। कीर्तन की है रात,  बाबा आज थाने आणो है, थाने कोल निभानो है,  कीर्तन की है रात।। बाबा का दरबार सुहाना लगता है, बाबा का दरबार सुहाना लगता है, भक्तों का तो दिल दीवाना लगता है || बाबा का दरबार सुहाना लगता है, भक्तों का तो दिल दीवाना लगता है || हमने तो बड़े प्

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भागवत कथा सुनने से होता है मन का शुद्धिकरण

भागवत कथा सुनने से होता है मन का शुद्धिकरण कथा की सार्थकता तब ही सिद्ध होती है जब इसे हम अपने जीवन व व्यवहार में धारण कर निरंतर हरि स्मरण करते हैं। अपने जीवन को आनंदमय, मंगलमय बनाकर अपना आत्म कल्याण करें। अन्यथा यह कथा केवल मनोरंजन, कानों के रस तक ही सीमित रह जाएगी। भागवत कथा से मन का शुद्धिकरण होता है। इससे संशय दूर होता है और शांति व मुक्ति मिलती है। यह बात शिवालय मंदिर गांधी बाजार में चल रही संगीतमयी श्रीमद‌् भागवत कथा में गुरुवार को पं.नंदकिशोर देवलिया ने कथा का वाचन करते हुए कही। उन्होंने कहा कि श्रीमद‌् भागवत कथा श्रवण से जन्म जन्मांतर के विकार नष्ट हो जाते हैं। जहां अन्य युगों में धर्म लाभ एवं मोक्ष प्राप्ति के लिए कड़े प्रयास करने पड़ते हैं, कलियुग में कथा सुनने मात्र से व्यक्ति भवसागर से पार हो जाता है। सोया हुआ ज्ञान वैराग्य कथा श्रवण से जाग्रत हो जाता है। कथा कल्पवृक्ष के समान है, जिससे सभी इच्छाओं की पूर्ति की जा सकती है। उन्होंने कहा कि भागवत पुराण हिन्दुओं के अट्ठारह पुराणों में से एक है। इसे श्रीमद् भागवत या केवल भागवतम् भी कहते हैं। इसका मुख्य विषय भक्ति योग है, जिसमें श्

भागवत पुराण

भागवत पुराण भागवत पुराण हिन्दुओं के अट्ठारह पुराणों में से एक है। इसे श्रीमद्भागवतम् या केवल भागवतम् भी कहते हैं। इसका मुख्य वर्ण्य विषय भक्ति योग है, जिसमें कृष्ण को सभी देवों का देव या स्वयं भगवान के रूप में चित्रित किया गया है। इसके अतिरिक्त इस पुराण में रस भाव की भक्ति का निरुपण भी किया गया है। परंपरागत तौर पर इस पुराण के रचयिता वेद व्यास को माना जाता है। श्रीमद्भागवत भारतीय वाङ्मय का मुकुटमणि है। भगवान शुकदेव द्वारा महाराज परीक्षित को सुनाया गया भक्तिमार्ग तो मानो सोपान ही है। इसके प्रत्येक श्लोक में श्रीकृष्ण-प्रेम की सुगन्धि है। इसमें साधन-ज्ञान, सिद्धज्ञान, साधन-भक्ति, सिद्धा-भक्ति, मर्यादा-मार्ग, अनुग्रह-मार्ग, द्वैत, अद्वैत समन्वय के साथ प्रेरणादायी विविध उपाख्यानों का अद्भुत संग्रह है। परिचय अष्टादश पुराणों में भागवत नितान्त महत्वपूर्ण तथा प्रख्यात पुराण है। पुराणों की गणना में भागवत अष्टम पुराण के रूप में परिगृहीत किया जाता है (भागवत 12.7.23)। भागवत पुराण में महर्षि सूत जी उनके समक्ष प्रस्तुत साधुओं को एक कथा सुनाते हैं। साधु लोग उनसे विष्णु के विभिन्न अवतारों के बारे में प

बागेश्वर धाम कैसे जाएं? छतरपुर, बागेश्वर धाम

  अगर आप अध्यात्म से जुड़ना चाहते हैं और अपने सांसारिक समस्याओं से निजात पाना चाहते हैं तो बागेश्वर धाम की यात्रा कर सकते हैं। वहां जाकर बालाजी महाराज से अर्जी लगाने पर हनुमान जी की कृपा से आपकी सारी दुख परेशानियां दूर हो जाती हैं। बागेश्वर धाम में स्वयंभू हनुमान जी यानी कि बालाजी महाराज का दिव्य मंदिर हैं, जहां लाखों लोग अपनी अर्जियां लगाने जाते हैं और अपनी समस्याओं तथा दुखों से निजात पाते हैं। पण्डित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी इसी बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर हैं, जिन्हें बागेश्वर धाम सरकार के नाम से भी जाना जाता है। इन दिनों बागेश्वर धाम सरकार के साथ-साथ बागेश्वर धाम भी पूरे भारत में विख्यात हो गया है। इस धाम की महिमा ही ऐसी है कि आज हर कोई यहां जाकर बालाजी महाराज के दर्शन करना चाहता है और अपनी अर्जी लगाना चाहता है। कहा जाता है कि बागेश्वर धाम में बालाजी महाराज अपने भक्तों की अर्जियां बागेश्वर धाम सरकार यानी कि पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के माध्यम से सुनते हैं और उनके ही माध्यम से अपने भक्तों की समस्याओं का समाधान भी करवाते हैं। अगर आप भी बागेश्वर धाम के बारे में अधिक जानकारी चाहते

Story Of Colors: कहानी रंगों की, हर रंग कुछ कहता है

  मानव सभ्यता में रंगों का काफ़ी महत्व रहा है। हर सभ्यता ने रंगों को अपने तरीक़े से अपनाया। दुनिया में रंगों के इस्तेमाल को जानना भी बेहद दिलचस्प है। कई सभ्यताओं को उनके द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले रंगों की वजह से ही पहचाना गया। विक्टोरियन काल में ज़्यादातर लोग काला या स्लेटी रंग इस्तेमाल करते थे। एक तरह से ये रंग इनकी पहचान थे। फ़िरऔन हमेशा काले कपड़े पहनता था। वैसे भी हर रंग के अपने सकारात्मक और नकारात्मक असर होते हैं। इसलिए यह नहीं कर सकते कि काला रंग हमेशा बुरा ही होता है। हालांकि कई सभ्यताओं में इसे शोक का रंग माना जाता है। शिया मोहर्रम के दिनों में ज़्यादातर काले कपड़े ही पहनते हैं। विरोध जताने के लिए भी काले रंग का इस्तेमाल किया जाता है, जैसे काले झंडे दिखाना, सर पर काला कपड़ा या काली पट्‌टी बांध लेना। महान दार्शनिक अरस्तु ने 4 ईसा पूर्व में नीले और पीले रंगों की गिनती शुरुआती रंगों में की। उन्होंने इसकी तुलना प्राकृतिक वस्तुओं से की, जैसे सूरज-चांद और दिन-रात आदि। उस वक़्त ज़्यादातर कलाकारों ने उनके सिद्धांत को माना और तक़रीबन दो हज़ार साल तक इसका असर देखने को मिला। इसी बीच म

कौन है पंडित धीरेंद्र शास्त्री, कैसे जान लेते हैं मन की बात

  क्यों चर्चा में हैं बागेश्वर धाम के युवा संत, कौन है पंडित धीरेंद्र शास्त्री, कैसे जान लेते हैं मन की बात Bageshwar dham sarkarPandit dhirendra krishna shastri biography : पंडित धीरेंद्र शास्त्री आजकल अपनी रामकथा और दिव्य दरबार को लेकर बहुत चर्चित हो रहे हैं। कुछ-एक विवादित बयानों को लेकर भी उनकी चर्चा हो रही है। कहते हैं कि वे उनके दादाजी की तरह छतरपुर के एक गांव गड़ा में बालाजी हनुमान मंदिर के पास 'दिव्य दरबार' लगाने लगे। उनके लोग इस दरबार के ‍वीडियो को सोशल मीडिया पर पोस्ट करते थे। धीरे-धीरे वे सोशल मीडिया के माध्यम से वे लोकप्रिय हो गए। दिव्य दरबार (divya darbar) : बताया जा रहा है कि उनके दरबार में पहले सैंकड़ों लोग अपनी समस्या लेकर आते थे। उन सैंकड़ों लोगों में से पंडित धीरेंद्र शास्त्री जी किसी का भी नाम लेकर उन्हें बुलाते थे और वह व्यक्ति जब तक उनके पास पहुंचता तब तक शास्त्रीजी एक पर्चे पर उस व्यक्ति के नाम पते सहित उसकी समस्या लिख लेते और उसी में उसका समाधान भी लिख लेते। लोग आश्‍चर्य करने लगे की यह व्यक्ति किस तरह दूर दूर से आए अनजान लोगों को उनके नाम से बुला लेते है

जानें कौन हैं बागेश्वरधाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, क्या है मदिंर का इतिहास?

 जानें कौन हैं बागेश्वरधाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, क्या है मदिंर का इतिहास? Bageshwar Dham: यह बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) मंदिर सालों पुराना है. 1986 में इस मंदिर का रेनोवेशन कराया गया था. इसके बाद 1987 के आसपास वहां पर एक संत का आगमन हुआ. मध्य प्रदेश के बागेश्वर धाम सरकार (Bageshwar Dham Sarkar) की आजकल खूब चर्चा हो रही है. फिलहाल यहां के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर नागपुर में कथा बीच मे छोड़कर भागने का आरोप लग रहा है. वहीं धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री भी ताल ठोंकर विरोधियों को जवाब दे रहे हैं. अभी पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की रामकथा छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में शुरू हो गई है. सोशल मीडिया पर तो बागेश्वर धाम सरकार के छोटे-छोटे वीडियो खूब वायरल होते हैं. नेताओं में तो बागेश्वर धाम सरकार पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा कराने के लिए होड़ मची है. दावा किया जाता है कि बागेश्वर धाम में आने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं बागेश्वर धाम सरकार द्वारा पूरी की जाती हैं. क्या है  ताजा विवाद बागेश्वर धाम सरकार का इतिहास जानने से पहले आपको बताते चलें कि उनसे जुड़ा